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हलाला का क्या मतलब होता है ? – Halala Kya Hota Hai

Halala Kya Hota Hai :- हलाला शिया मुस्लिम समाज की एक प्रथा है। हलाला उन महिलाओं के लिए है, जो अपने पति से तीन बार तलाक लेने के बाद अपनी परिस्थितियों के कारण या किसी कारणवश अपने पति से दोबारा शादी करना चाहती हैं।

तो उन्हें हलाला का पालन करना पड़ता है। इसको निकाह हलाला भी कहा जाता है।

एक पीड़िता के मुताबिक, अगर कोई पति अपनी पत्नी को तीन बार तलाक दे देता है, तो पति तब तक अपनी पत्नी से शादी नहीं कर पाएगा, जब तक कि उसकी पत्नी किसी दूसरे पुरुष से शादी कर तलाक नहीं ले लेती।

कई लोग कहते है, की हलाला का शारीरिक संबंध बनाना है पर या सच नहीं। केवल शादी कर लेने से भी काम चल जाएगा।

Halala Kya Hota Hai :- हलाला का अर्थ है, कि एक तलाकशुदा और अपनी मर्जी से किसी अन्य पुरुष से शादी करती है और संयोग से यदि उनका रिश्ता नहीं चल पाता है और वह दूसरा पति भी उसे तलाक दे देता है या मर जाता है, तो ऐसी स्थिति में वह और पहले पति से शादी कर सकती है।

असली हलाला इसी को माना जाता है। शरीयत के मुताबिक अगर किसी मर्द ने किसी औरत को तीन बार तलाक दे दिया है, तो वह उसी औरत से तब तक दोबारा निकाह नहीं कर सकता, जब तक कि वह औरत किसी और मर्द से शादी करके उसे तलाक न दे दे।

लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है, कि यह जायज़ है अगर यह संयोग से होता है, लेकिन जानबूझकर या किसी और से शादी करने की योजना बना रहा है और फिर उसे तलाक दे रहा है, ताकि पहले पति के साथ शादी वैध हो सके, यह साजिश नाजायज है और संदेशवाहक अल्लाह के ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) ने ऐसी साजिश करना गलत बताया है।

निकाह हलाला, जिसे तहलील विवाह के नाम से भी जाना जाता है, एक तलाकशुदा पति के लिए पुनर्विवाह करने के लिए नकली विवाहों में से एक है।

निकाह हलाला में एक तलाकशुदा मुस्लिम महिला दूसरे पुरुष से निकाह कर लेती है. अपने तलाकशुदा पति से दोबारा शादी करने के लिए उसने उसे तलाक दे दिया।

व्यापकता- सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और यमन से हलाला के किसी भी मामले की सूचना नहीं मिली है। भारत में, मुस्लिम महिलाओं के विवाह अधिकारों का संरक्षण, सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक़ को अवैध घोषित करने के बाद पारित, निकाह हलाला पर मौन है।

कुरान के मुताबिक हलाला क्या है ? – Halala Kya Hota Hai

हलाला, जब पत्नी अपने पति को तलाक दे देती है और पत्नी पूरी सहमति से किसी अन्य व्यक्ति से शादी कर लेती है, तो अगर बाद में वह किसी भी कारण से उस दूसरे व्यक्ति से संबंध नहीं बना पाती है, तो ऐसे अन्य व्यक्ति का भी तलाक हो जाता है या वह व्यक्ति मर जाता है, फिर अगर वह चाहे तो अपने पहले पति से दोबारा शादी कर सकती है। असली इस्लामिक हलाला यही है। जिसे काजी व मौलवी के सहयोग से अंजाम दिया गया।


हलाला का इतिहास

इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट के रिसर्च एसोसिएट डॉ. फुरकान अहमद ने तलाक के इस्लामी कानून को समझने में लिखा है कि पैगंबर ने कई बार गैरइस्लामी प्रथा को खत्म करने की कोशिश की। जिसमें तलाक के बाद पत्नी से दोबारा शादी करने की प्रथा थी।

पैगंबर ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया था कि इस प्रथा को लंबे समय तक जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ऐसे में अगर पति पत्नी को तलाक देने के बाद सच में दोबारा शादी करना चाहता है या उसे अपनी गलती का पछतावा है, तो वह दूसरी शादी कर सकता है।

अगर पति अपनी पत्नी से तलाक चाहता है, तो दो तलाक के बाद तीसरा तलाक अंतिम तलाक के रूप में काम करेगा।


हलाला पर मौलाना अशरफ अली थानवी के विचार

मौलाना अशरफ अली थानवी आगे लिखते हैं- ‘ अगर पति-पत्नी तीसरी बार साथ रहने का फैसला करते हैं, तो यह एक शर्त पर ही संभव है – महिला को किसी अन्य पुरुष से शादी करनी होगी और उसके साथ बिस्तर साझा करना होगा। और यदि दूसरा पति हमारे बिस्तर पर होने के बाद उस स्त्री को तलाक दे दे या उसकी मृत्यु हो जाए। फिर इद्दत की यह अवधि पूरी होने के बाद ही वह अपने पहले पति के पास जा सकती है।

लेकिन अगर दूसरा पति हमारे सोने से पहले ही मर जाता है या तलाक ले लेता है, तो इस शादी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा और महिला अपने पहले पति के पास वापस नहीं जा सकती।


FAQ’S :

Q1. हलाला का अर्थ क्या है ?

Ans :- जब पत्नी अपने पति को तलाक दे देती है और पत्नी अपनी पूर्ण सहमति से किसी अन्य व्यक्ति से विवाह कर 
लेती है, तो यदि वह बाद में किसी कारण से उस दूसरे व्यक्ति से संबंध स्थापित करने में असमर्थ हो जाती है, तो ऐसे 
अन्य व्यक्ति को भी तलाक दे दिया जाता है। जाती है या उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो वह चाहे तो अपने पहले 
पति से दोबारा शादी कर सकती है। असली इस्लामिक हलाला यही है।

Q2. हलाला रस्म क्या है ?

Ans :- हलाला एक रस्म है और हलाला उन महिलाओं के लिए है जो अपनी परिस्थितियों के कारण या किसी कारण 
से अपने पति से एक बार तलाक लेने के बाद अपने पति से दोबारा शादी करना चाहती हैं तो उन्हें हलाला का पालन 
करना पड़ता है। है।

Q3. हलाला की स्थापना किसने की ?

Ans :- हलाला पैगंबर द्वारा स्थापित किया गया था।

Q4. हलाल और हलाला में क्या फर्क है ?

Ans :- हलाल का अर्थ है " निषिद्ध " का विलोम शब्द अर्थात स्वीकार्य वस्तु और हलाला का अर्थ है, कि तलाक के 
बाद लड़की को नियमों के संरक्षण में किसी पुरुष से विवाह करने की अनुमति दी जाती है, उसके साथ शारीरिक 
संबंध बनाने के बाद उससे भी तलाक ले लिया जाता है। वह दुबारा किसी दूसरे पुरुष से विवाह करके झबरा जीवन 
व्यतीत कर सकती है।

Q5. कैसे किया जाता है – हलाला ?

Ans :- निकाह हलाला एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके अनुसार अगर आपने अपनी पत्नी को तीन बार तलाक दे दिया है, 
तो आप उससे तब तक दोबारा शादी नहीं कर सकते, जब तक कि वह किसी और से दोबारा शादी नहीं कर लेती। 
साथ ही दूसरे पति से भी शारीरिक संबंध बनाए।

हलाला (Halala) क्या होता है? – आसान और इस्लामी तरीके से समझिए:


📖 हलाला (Halala) का मतलब क्या है?

हलाला” एक इस्लामी निकाह और तलाक़ से जुड़ा हुआ मसला है। यह तब सामने आता है जब कोई मर्द अपनी बीवी को तीन तलाक़ (तलाक-ए-मुग़ल्लज़ा) दे देता है — यानी ऐसा तलाक़ जो वापस नहीं लिया जा सकता।


📌 हलाला कब ज़रूरी होता है?

अगर कोई शौहर अपनी बीवी को:

तीन तलाक़ दे देता है —
तो वह औरत उस शौहर के लिए हराम (नाजायज़) हो जाती है।

अगर वह मर्द औरत से दोबारा निकाह करना चाहे, तो यह तब तक मुमकिन नहीं जब तक:

  1. वह औरत किसी दूसरे मर्द से निकाह न कर ले,
  2. वह नया निकाह सच्चा और असली हो (मतलब इबादत, मोहब्बत और साथ रहने की नियत से),
  3. फिर अगर किसी वजह से दूसरे शौहर से तलाक़ हो जाए या वह मर्द मर जाए,
  4. और फिर वह औरत इद्दत (waiting period) पूरी कर ले —
    तब वह अपने पहले शौहर से दोबारा निकाह कर सकती है।

⚠️ “हलाला” का गलत इस्तेमाल क्या है?

कुछ लोग हलाला का गलत मतलब निकालते हैं और जान-बूझकर हलाला का ड्रामा करते हैं, जैसे:

किसी दोस्त या जान-पहचान वाले से “निकाह करके तलाक़ देने की प्लानिंग” करना – ताकि पहले शौहर से दोबारा निकाह हो सके।

📛 इस तरह का हलाला हराम (गुनाह) और धोखा है।
हदीस में इसे “निकाह-ए-ताहील” कहा गया है और रसूलुल्लाह ﷺ ने सख़्त मनाही की है।


🕋 सही हलाला क्या है?

अगर औरत का नया निकाह इख़लास और मोहब्बत से हो और आगे चलकर हालात ऐसे बन जाएँ कि तलाक़ हो जाए — तब पहले शौहर से दोबारा निकाह किया जा सकता है।


🕌 हदीस से सबूत:

रसूल ﷺ ने फरमाया:
“जिस मर्द ने हलाला के लिए निकाह किया और जिस मर्द के लिए हलाला किया गया, दोनों पर लानत है।”
— (इब्ने माजा)


📌 निष्कर्ष (Summary):

विषय विवरण
हलाला का मतलब तलाक़शुदा औरत का किसी दूसरे मर्द से निकाह करके तलाक़ पाना, फिर पहले शौहर से निकाह मुमकिन
कब ज़रूरी होता है जब तीन तलाक़ दी जा चुकी हो
शर्तें नया निकाह असली हो, तलाक़ या मौत हो, इद्दत पूरी हो
गलत हलाला प्लानिंग के साथ किया गया हलाला — हराम और गुनाह है

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