In the current economic system, the concept of national income has a very important place, on the basis of the amount of national income, the economic condition of the country can be ascertained, if we believe that if any nation is developed or semi-developed or agricultural country. Whether it is an industrial country, it can be decided very easily on the basis of income. We can also extract the index of economic progress on the basis of national income figures. It is known that a comparative study of the level can be done and it is only by the comparative study of the level that we can separate the country from one country to another on the basis of their economic status and parameters of the economy.
वर्तमान आर्थिक प्रणाली में राष्ट्रीय आय की धारणा का अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान है राष्ट्रीय आय की मात्रा के आधार पर देश की आर्थिक स्थिति का पता लगाया जा सकता है अगर हम माने तो कोई भी राष्ट्र अगर विकसित है या अर्ध विकसित है या कृषि प्रधान देश है या उद्योग प्रधान देश है इसका निर्णय आय के आधार पर बहुत आसानी से किया जा सकता है हम राष्ट्रीय आय की आंकड़ों के आधार पर आर्थिक प्रगति का सूचकांक भी निकाल सकते हैं आंकड़ों के आधार पर विभिन्न देशों की आर्थिक प्रगति तथा रहन-सहन का स्तर भी पता चल पाता है स्तर का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है और स्तर के तुलनात्मक अध्ययन से ही हम अलग-अलग राष्ट्र को उनकी आर्थिक स्थिति और अर्थव्यवस्था के मापदंडों के आधार पर देश को एक देश से दूसरे देश को अलग कर पाते हैं
Importance of calculation of national income
राष्ट्रीय आय की गणना का महत्व
National income is the measure of the capacity of the nation’s economy and on the basis of this information about the country’s production power can be obtained and it is also important for the success of economic planning, the amount of economic welfare in the nation depends on the size and description of national income It is clear that the idea of national income is a major part of the subject matter of economics. The concept of national income was first studied by Adam Smith in his book The Wealth of Nations, but at that time it was not that important.
राष्ट्रीय आय राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की क्षमता का मापदंड है तथा इसके आधार पर देश की उत्पादन शक्ति की जानकारी प्राप्त की जा सकती है तथा यह आर्थिक नियोजन की सफल के लिए भी प्रमुख रूप से राष्ट्र में आर्थिक कल्याण की मात्रा राष्ट्रीय आय के आकार एवं विवरण पर निर्भर करता है स्पष्ट है कि राष्ट्रीय आय का विचार अर्थशास्त्र की विषय वस्तु का प्रमुख अंग है राष्ट्रीय आय की धारणा का सर्वप्रथम अध्ययन एडम स्मिथ ने अपनी पुस्तक द वेल्थ ऑफ नेशन में किया था परंतु उस समय इसका उतना महत्वपूर्ण नहीं था
Definition of national income
राष्ट्रीय आय की परिभाषा
The definition of national income can be given on the basis of production and also on the basis of consumption and the definition of Marshall and Pigu is based on production and the definition of Fisher is based on consumption.
राष्ट्रीय आय की परिभाषा उत्पादन के आकार पर तथा उपभोग के आधार पर भी दिया जा सकता है तथा मार्शल और पीगू की परिभाषा उत्पादन पर तथा फिशर की परिभाषा उपभोग पर आधारित है
Measurement of National Income
राष्ट्रीय आय का मापन
- Census of production method
According to this method, the net value of goods and services is ascertained from all the goods and services that are produced within 1 year, and after that the amount that rings by adding the net value to all of them is called national income. The sum is also called the final output sum.
इस पद्धति के अनुसार 1 वर्ष के भीतर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं से वस्तुओं और सेवाओं के शुद्ध मूल्य का पता लगाया जाता है और उसके बाद उन सभी का शुद्ध मूल्य जोड़कर जो राशि बजती है वह राष्ट्रीय आय कहलाती है। योग को अंतिम आउटपुट योग भी कहा जाता है।
2. Census of income method
Under this method, the income of the entire people of the country is calculated and its total sum is called national income, in which the wages, salaries, benefits, interest costs etc. of all the people are added.
इस विधि के अंतर्गत देश के संपूर्ण व्यक्तियों की आय की गणना की जाती है तथा इसके कुल योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं इसमें समस्त व्यक्तियों की मजदूरी वेतन लाभ ब्याज लागत आदि को जोड़ा जाता है
3. Census of occupation method
Under this method, national income is calculated on the basis of rupees or money in the country, that is, by separating different money, the income received from it is added, but in this method, the amount of gift is included in the national income. not included because there is no shame in it.
इस विधि के अंतर्गत राष्ट्रीय आय की गणना देश में हो रहा है रुपयों या पैसों के आधार पर किया जाता है अर्थात विभिन्न पैसों को अलग-अलग करके उससे प्राप्त होने वाली आय को जोड़ा जाता है परंतु इस पद्धति में राष्ट्रीय आय के अंतर्गत गिफ्ट की राशि शामिल नहीं की जाती क्योंकि इसमें शरम नहीं करना पड़ता
4. Census of Expenditure method
Under this method, all the income made in the country is calculated. In this method, it is assumed that the sum of the total prices of goods is equal to the total national income. Information on national income is based on the sum of various items of expenditure. get, but under this system, the correct information about consumption and sowing is not available.
इस विधि के अंतर्गत देश में की गई सभी व्ही आय की गणना की जाती है इस विधि में यह मान लिया जाता है कि वस्तुओं के संपूर्ण मूल्यों का योग संपूर्ण राष्ट्रीय आय के बराबर है व्यय के विभिन्न मतों के योग के आधार पर राष्ट्रीय आय की जानकारी प्राप्त करते हैं परंतु इस प्रणाली के अंतर्गत उपभोग बिजाई की सही जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है
Thus we can say that national income is calculated by various methods but in modern times production method is more prevalent and practical, sometimes two systems are also used that is why we can say that national income is There are different methods of sugarcane and all sugarcane have different results, we should understand that this has to be made more good so that even the poorest of the poor can be helped.
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि राष्ट्रीय आय की गणना विभिन्न विधियों द्वारा की जाती है परंतु आधुनिक समय में उत्पादन करना विधि अधिक प्रचलित एवं व्यावहारिक है कभी-कभी दो प्रणालियों का भी उपयोग किया जाता है इसीलिए हम यह कह सकते हैं कि राष्ट्रीय आय कि गन्ना के अलग-अलग तरीके हैं और सभी गन्ना का अलग-अलग रिजल्ट भी है हमें यह समझना चाहिए कि इसी और अधिक अच्छा बनाना है ताकि गरीब से गरीब लोगों को भी मदद मिल सकते