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जनाज़े की नमाज पढ़ने का सही तरीका – Namaz e janaza ka Tarika

Namaz e janaza ka Tarika :- अस्लामलैकुम मेरे प्यारे दोस्तों भाइयों और बहनों आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं जनाज़े की नमाज के बारे में और साथ मे जानने वाले हैं, कि इसे कैसे पढ़ा जाता है।

हम  पांच वक़्त की नमाज  के बारे में तो जानते हैं, लेकिन जनाज़े के नमाज के बारे में बहुत से लोगो को पता नहीं है।जनाज़े की नमाज की बात करे तो इसकी अपनी ही एक अलग फ़ज़ीलत है ।

जनाज़े की नमाज को पढ़ना बेहद जरूरी होता है, अल्लाहताला जनाज़े की नमाज पढ़ने वाले बंदों से बहुत खुश होते हैं वो इसलिए क्योंकि जो नमाज दूसरे के हक के लिए अदा करता है अललाह ताला उन्हें कुबूल फरमाते है।

अगर आप पूरी जानकारी चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल Namaz e janaza ka Tarika को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आप को पूरी जानकारी मिल सके

जनाजे के नमाज़की नियत का तरीका

किसी भी नमाज के लिए नियत बहुत ही जरूरी चीज है बिना नियत की नमाज नहीं काबुल होती है ।इसी तरह जनाज़े की नमाज के लिए भी  आपको सबसे पहले नियत करनी है, नियत कैसे करनी है नीचे आप पढ़ सकते हैं ।

“नियत की मैंने नमाजे जनाजा की चार तकबीरों के साथ वास्ते अल्लाह ताला के दुआ इस मय्यत के लिए पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर

तो इस तरह पहले  आप नियत करें क्यों नियत बहुत जरूरी चीज है ।


जनाजे की नमाज पढ़ने का सही तरीका – Namaz e janaza ka Tarika

जनाज़ा की नमाज़ हमारे पांच वक़्त की नमाज से बिल्कुल अलग इसे कैसे पढ़ा जाए इसके बारे में नीचे हमने स्टेप बाई स्टेप बताया है तो चलिये देखें ।

स्टेप 1 :-  सबसे पहले सीधी लाइन में खड़े हो जाये और नियत करें इसके बारे में ऊपर बताया गया है कि नियत कैसे करनी है ।

स्टेप 2:-  नियत करने के बाद अल्लाह हू अकबर  कहकर अपने दोनों हांथों को बांध लें।

स्टेप 3:- हांथ बांधने के बाद सना पढ़ना शुरू करें ।

स्टेप 4:- फिर दूसरी बार अल्लाह हू अकबर कहे और दरूदे इब्राहिम को पढ़ना शुरू कर दें।

स्टेप 5:- उसके बाद फिर से  अल्लाह हू अकबर कहे  और इस दुआ को पढ़े

अगर किसी नाबालिक लड़की या लड़के का जनाजा हो तो  तीसरी तकबीर यानी  अल्लाह हू अकबर के बाद इस दुआ को पढ़े

हमारे बहुत से मुसलमान भाई ऐसे होते हैं जिन्हें जनाज़े की दुआ याद नहीं होती लेकिन ये बहुत जरूर लेकिन फिर भी किसी कारण से याद नहीं तो कोई बात नहीं आप इस दुआ को पढ़ सकते हैं ।

स्टेप 6:- फिर चौथी दफा  अल्लाह हू अकबर और सलाम फेर दें ।

उसके बाद दुआएं मगफिरत पढ़े मगफिरत के लिए कोई भी दुआ आप पढ़ सकते हैं इस तरह आपकी जनाज़े की नमाज पूरी होती है ।


जनाजा  के नमाज के बारे में कुछ जरूरी बातें

जनाजा की नमाज एक फ़र्ज़ नमाज है, जो कि औरतों और फर्द दोनों पर फ़र्ज़ और वाजिब है अगर कोई सख्स जनाज़े की नमाज नहीं पढ़ता है तो वह गुनेगार होगा इसलिए आपको जब मौका मिला जनाज़े की नमाज का तो उसे मत छोड़े ।

इस नमाज को पढ़ने से हमे कई तरह के सवाब मिलते हैं तो जितनी नेकी हो अललाह की राह में करें इससे अल्लाह ताला आप को जन्नत अता फरमाता है जन्नत से खूबसूरत जगह कोई और नहीं है।


जनाजे की नमाज किसे पढ़ाने की इजाजत दी गई है ?

जनाज़े की नमाज को हर कोई सख्स नही पढ़ा सकता है ,इस नमाज को पढ़ाने की इजाजत सिर्फ  मौलबी साहब ,काजी साहब और इमाम को ही है।

लेकिन अगर किसी को कुरान की शिक्षा हासिल किया हुआ है और उसे अच्छी जानकारी है तो वो पढ़ा सकता है  ,साथ ही बच्चों को जनाज़े की नमाज़ पढ़ाने की इजाजत नहीं है।


निष्कर्ष :-

तो मेरे प्यारे मुसलमान भाइयों अभी हमने जनाज़े की नमाज के बारे में जाना कि इसे किस तरह से पढ़ा जाता है, इसे कौन पढ़ा सकता है और भी चीजे।

तो आप को हमारा ये आर्टिकल Namaz e janaza ka Tarika कैसा लगा अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें।

अगर आप के मन मे इस से जुड़े कोई सवाल हो तो उसे भी जरूर पूछे और इसी तरह की जानकारी पाने के लिए हमारे साथ जुड़ना न भूलें ।

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