नया कपड़ा पहने तो यह पढ़े

اَللّٰهُمَّ لَكَ الْحَمْدُ كَمَا كَسَوْتَنِيهِ أَسْأَلُكَ خَيْرَهُ وَخَيْرَ مَا صُنِعَ لَهُ وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّهِ وَشَرِّ مَا صُنِعَ لَهُ (مشكوة )
अल्लाहुम्मा लकल हम्दु कमा कसौ-तनी हि अस अलुका खै रहू व खैरा मा सुनि-अ लहू व अऊजु बिका मिन शर्रिही व शर्रि मा सुनि-अ लहू० – मिश्कात
तर्जुमा-ऐ अल्लाह ! तेरे ही लिए सब तारीफ है, जैसा कि तूने यह कपड़ा मुझे पहनाया। मैं
तुझसे उसकी भलाई का और उस चीज की भलाई का सवाल करता हूं, जिसके लिए यह बनाया गया है और मैं तेरी पनाह चाहता हूं उसकी बुराई से और उस चीज़ की बुराई से. जिसके लिए यह बनाया गया है।
नया कपड़ा पहनने की दूसरी दुआ
हजरत उमर रज़ियल्लाहु तमाला अन्हु फरमाते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इर्शाद फरमाया कि जो शख्स नया कपड़ा पहन कर यह दुआ पढ़े-
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِی كَسَانِی مَآ اُوَارِیْ بِهِ عَوْرَتِی وَاَتَجَمَّلُ بِهِ فِي حَيٰوتیِ
अलहम्दु लिल्लाहिल्लजी कसानी मा उवा री बिही औ रती व अता -जम्मलु बिही फी-हयाती०
तर्जुमा-
सब तारीफ अल्लाह ही के लिए है. जिसने मुझे कपड़ा पहनाया, जिससे मैं अपनी शर्म की चीज़ छुपाता हूं और अपनी जिंदगी में इसके ज़रिए खूबसूरती हासिल करता हूं।
और फिर पुराने कपड़े को सद्भा कर दे तो ज़िंदगी में और मरने के बाद खुदा की हिफाज़त और खुदा के छुपाने में रहेगा, (यानी खुदा उसे मुसीबतों से बचाए रखेगा और उसके गुनाहों को छिपाए रखेगा।) – मिश्कात
फायदा–जब कपड़ा उतारे तो बिस्मिल्लाह कह कर उतारे, क्योंकि बिस्मिल्लाह की वजह से शैतान उसकी शर्मगाह की तरफ न देख सकेगा। – हिस्न हसीन