Attahiyat In Hindi:- अस-सलामु अलयकुम मेरे प्यारे भाइयों, बहनों और दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम अत्तहियात दुआ के बारे में बात करने वाले हैं।
अत्तहियात जब हम नमाज के आख़री रकत में होते, तब ये दुआ पढ़ा जाता। क्या आपको इस दुआ का तर्जुमा और मलतलब पता अगर नहीं तो कोई बात नहीं आज सिख जाओगे।
आज इस पोस्ट में आप सीखने वाले हैं, कि अत्तहियात दुआ क्या है ? अत्तहियात दुआ कब पढ़ा जाता है ? अत्तहियात दुआ तर्जुमा ? Attahiyat in hindi पूरी जानकारी चलिये जानते हैं।
अत्तहियात दुआ क्या है ? – Attahiyat In Hindi
Contents
- 1 अत्तहियात दुआ क्या है ? – Attahiyat In Hindi
- 2 Attahiyat in English
- 3 🕌 अत्तहिय्यात की दुआ (Arabic + Hindi + तर्जुमा)
- 4 📜 अत्तहिय्यात अरबी में (Attahiyat in Arabic):
- 5 🇮🇳 हिंदी में उच्चारण (Hindi Transliteration):
- 6 📖 हिंदी तर्जुमा (Meaning in Hindi):
- 7 ✅ नमाज़ में इसका स्थान:
- 8 📄 क्या आप चाहें कि मैं इस दुआ को एक PDF फॉर्मेट, इमेज कार्ड, या पोस्टर के रूप में बनाकर दूँ?
अत्तहियात का मतलब होता है- गवाही देना। मैं गवाही देता हूँ, कि अल्लाह के सिवा कोई माबूत नहीं वह एक है। जब कोई मुसलमान नमाज में किबला की ओर बैठ कर अत्तहियात पढ़ रहा होता तब वो गवाही देता है, कि अल्लाह एक है और अल्लाह के नबी और उनके नेक बंदों पर सलाम भेजता हूँ ।
अत्तहियात दुआ इन हिंदी- Attahiyat in hindi
- अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलावातु,
- वत्त्तय्यिबातु, अस्सलामु ‘अलैका”
- अय्युहं-नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू, “
- अस्सलामु ‘अलेना व ‘अला ‘इबदिल्लाहिस-सालिहीन।
- ”अश-हदू ‘अं-ला ‘इलाहा ‘इल्लल्लाहू
- व ‘अश-हदू ‘अन्ना मुहम्मदन ‘अब्दुहु व रसूलुहु।
Attahiyat in English
- Attahiyyatu lillahi vassalavaatu,
- vattayyibatu, assalamu ‘alaika ‘ayyuhan-nabiyu wa rahmatullahi wa barakatuhu, assalamu ”
- alena wa ‘ala ‘ibdillahis-saliheen. ‘Ash-hadu ”
- an-la ‘ilaha ‘illa Allahu wa ‘ash-hadu ‘anna”
- Muhammadan ‘Abduhu wa Rasuluhu.
Attahiyat in Arabi
- التَّحِيَّاتُ لِلّٰهِ، وَالصَّلَوْاتُ، وَالطَّيِّباتُ، السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا النَّبِيُّ وَرَحْمَةُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُهُ، السَّلاَمُ عَلَيْنَا وَعَلَى عِبَادِ اللّٰهِ الصَّالِحِيْنَ، أَشْهَدُ أَنْ لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللّٰهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّداً عَبْدُهُ وَرَسُوْلُهُ
अत्तहियात दुआ कब पढ़ा जाता है ? – Attahiyat Padhne Ka Samay
जब आप नमाज में क़िबले ( पश्चिम ) की तरह रूख कर बैठे होते हैं और सलाम फेरने वाले होते, तब इस सलाम फेरने से पहले पढ़ा जाता है ,बिना अत्तहियात के अगर आप सलाम फेरते है, तो आपका नमाज मकरू हो जाता है, इसलिए सलाम फेरने से पहले यह दुआ पढ़ना जरूर है।
अत्तहियात दुआ पढ़ पढ़ने का सही तरीका – Attahiyat Padhne Ka Tarika
जब आप तो रकत नमाज, तीन रकत नमाज और चार रकत पढ़ कर अपने सर् को क़िबले की ओर कर बैठे होते तब ये दुआ पढ़ा जाता है चलिये बताता हूँ ।
जब आप सजदा कर के बैठ जाये तो अपने उसी वख्त अपने दोनों हाथों को सीधा कर अपने घुटनों पर रख दें।
फिर आपको अत्तहियात पढ़ना शुरू करना है, जब आप अत्तहिय्यातु लिल्लाहि कलमा पर पहुंचे तो अपनी दाएं हाथ की मुट्ठी को बांध लें और सहादत की अंगुली को निकाल दें।
और उसके तुरंत बाद अपने शहादत कि उंगली को इल्लाह पर गिर दे और जब तक आप दुआ पढ़े तब तक इसे कुछ-कुछ सेकेंडो गिराते रहे ।
अत्तहियात दुआ का तर्जुमा इन हिंदी – Attahiyat Ka Tarjuma
अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलावातु, वत्त्तय्यिबातु
तर्जुमा
तमाम बोल से अदा होने वाली और बदन से अदा होने वाली तमाम इबादते अल्लाह के लिए है।
अस्सलामु अलैका अय्यूहनबी वरहेमतुल्लाही वबरकातूहू
तर्जुमा
सलामती हो तुमपर या नबी और रहमत और बरकत हो
अस्सलामू अलैना व आला इबादीस्सॉलेहीन
तर्जुमा
सलामती हो हमपर और अल्लाह के नेक बन्दो पर
”अश-हदू ‘अं-ला ‘इलाहा ‘इल्लल्लाहू
व ‘अश-हदू ‘अन्ना मुहम्मदन ‘अब्दुहु व रसूलुहु।
तर्जुमा
हम गवाही देते है की, अल्लाह के सिवाह कोई इबादत के लायक नही है और हम गवाही देते है की, हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और रसूल है।
निष्कर्ष :-
तो दोस्तों आज आप ने सीखा की अत्तहियात दुआ क्या है ? अत्तहियात दुआ कब पढ़ा जाता है? अत्तहियात दुआ का तर्जुमा ।
तो आपको ये पोस्ट Attahiyat in hindi कैसी लगी अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें, अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो जरूर पूछे ऐसे ही जानकारी पाने के लिए हमे फॉलो करना न भूलें।
अत्तहिय्यात (Attahiyat) की दुआ नमाज़ के अंत में तशह्हुद (बैठने) की हालत में पढ़ी जाती है। यह नमाज़ का बहुत अहम हिस्सा है। इसमें अल्लाह की तारीफ़, नबी ﷺ पर सलाम और गवाही (शहादत) दी जाती है।
🕌 अत्तहिय्यात की दुआ (Arabic + Hindi + तर्जुमा)
📜 अत्तहिय्यात अरबी में (Attahiyat in Arabic):
اَلتَّحِيَّاتُ لِلّٰهِ وَالصَّلَوٰتُ وَالطَّيِّبَاتُ، اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ أَيُّهَا النَّبِيُّ وَرَحْمَةُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُهُ، السَّلَامُ عَلَيْنَا وَعَلٰى عِبَادِ اللّٰهِ الصَّالِحِيْنَ، اَشْهَدُ اَنْ لَّا اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَ اَشْهَدُ اَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهٗ وَ رَسُوْلُهٗ۔
🇮🇳 हिंदी में उच्चारण (Hindi Transliteration):
Attahiyyātu lillāhi waṣ-ṣalawātu waṭ-ṭayyibāt,
As-salāmu ‘alayka ayyuhan-nabiyyu wa raḥmatullāhi wa barakātuh,
As-salāmu ‘alaynā wa ‘alā ‘ibādillāhiṣ-ṣāliḥīn,
Ash-hadu an lā ilāha illallāh,
wa ash-hadu anna Muḥammadan ‘abduhu wa rasūluh.
📖 हिंदी तर्जुमा (Meaning in Hindi):
“सब तरह की ज़बानी इबादतें, नमाज़ें और पाकीज़ा चीज़ें अल्लाह ही के लिए हैं।
ऐ नबी! आप पर सलाम हो और अल्लाह की रहमत और बरकतें भी।
हम पर और अल्लाह के नेक बंदों पर सलाम हो।
मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं,
और मैं गवाही देता हूँ कि मोहम्मद ﷺ अल्लाह के बंदे और उसके रसूल हैं।”
✅ नमाज़ में इसका स्थान:
- यह दुआ हर नमाज़ की दूसरी रकअत के बाद बैठने पर पढ़ी जाती है (तशह्हुद में)।
- अगर आप चार रकअत की नमाज़ पढ़ रहे हों, तो आख़िर में फिर से इसे दोहराते हैं और उसके बाद दुरूद इब्राहीम पढ़ते हैं।
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