Site icon Sarkari Result

कज़ा रोज़े कैसे रखें ? – Qaza Roza Kaise Rakhen

Qaza Roza Kaise Rakhen :- असलामुअलैकुम  बिरादराने दिन  क़ज़ा ( किसी फ़र्ज़ या वाजिब इबादत को इस के मुक़र्ररा वक़्त के बाद अदा करना ) रोज़े से मुराद है, उस रोज़े का रखना जिसे इसलिए रखा जाये क्युकी आपने फर्ज़ रोज़े को छोड़ दिया  हो और आप उसकी भरपाई उसी तरह करना चाहते है, जिस तरह से अल्लाह ने अपने कलामे पाक कुरआन मै फ़रमाया है, वो कितने दिनो मे किस वक़्त और किस हालत मैं रखना होता है, बताने की कोशिश करेंगे।

Also Read :-

क़ज़ा रोज़े दो किसम के होते है :

1. कजा रोजा कजा रोजा आप रमजान के मुबारक महीने से लेकर के अगले रमजान के महीने शुरू होने से पहले तक कभी भी रख सकते हैं, लेकिन आपको बता दें, आप उन महीनों में कजा रोजों को रखें जिन महीनों की फजीलतें काफी ज्यादा है। 2. कफ्फारा रोज़े


क़ज़ा रोज़ो की नियत की दुआ


क़ज़ा रोज़े कैसे रखे – Qaza Roza Kaise Rakhen

रमज़ान के फर्ज रोज़ों की तरह क़जा रोज़े भी रखे जाते हैं :

अब वक्त आता है रोज़ा इफ्तार का


Conclusion, निष्कर्ष दोस्तों उम्मीद करते हैं, कि अपने इस आर्टिकल Qaza Roza Kaise Rakhen को तस्सली बक्श आखिर तक पूरा पढ़ा होगा और इसी के साथ क़ज़ा रोज़े कैसे रखें जान कर अच्छा लगा होगा इसका मसला भी आपको पूरी तरहा पता चल चुका होगा। और अगर माज़ कोई doubt या सवाल आता हो तो आप हमारे comment box में मैसेज कर के पूछ सकते हैं हमारी टीम आपके सवालों के जवाब ज़रूर देगी।

Exit mobile version