Surah Al Fajr In Hindi, English And Arabic With Tarjuma :- आज के इस पोस्ट में हम सूरह फज्र के बारे में बात करने वाले हैं और जानने वाले हैं, कि सूरह फज्र क्या है ? साथ मे इसका तर्जुमा भी आप लोगो के साथ शेयर करने वाले हैं।
तो अगर आप पूरी जानकारी पाना चाहते हैं, तो हमारे इस पोस्टSurah Fajr In Hindi With Tarjuma Pdf शुरू से अंत जरूर पढ़ें ।
Surah Al Fajr In Hindi, English And Arabic With Tarjuma
Contents
सूरह फज्र क्या है ? – What is surah Fajr in Hindi
दोस्तों सूरह फज्र का हिंदी मतलब होता है, सुबह का वख्त और इसका इंग्लिश में मतलब होता है The Dawn”, “Daybreak”.
सूरह फज्र क़ुरान शरीफ की 30 वी पारा में मौजूद सूरह है जो कि 89 वी सूरह है ये एक मक्की सूरह है ।
सूरह का नाम | सूरह अल-फ़ज्र |
पारा नंबर | 30 |
सूरह नंबर | 89 |
कुल आयतें | 30 |
कुल शब्द | 139 |
कुल अक्षर | 584 |
Surah Fajr in Hindi
अऊजुबिल्लाहिमिनशशैतानिररजीम
बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम
1. वल फज्रि
2. व लयालिन अशर
3. वश शफ़ इ वल वत्र
4. वल लैलि इज़ा यस्र
5. हल फ़ी ज़ालिका क़-समुल लिजी हिज्र
6. अलम तरा कैफ़ा फ़-अला रब्बुका बिआद
7. इर मज़ातिल इमाद
8. अल्लती लम युख्लक़ मिस्लुहा फ़िल बिलाद
9. व समूदल लज़ीना जाबुस सख़ रबिल वाद
10. वफ़िर औना ज़िल औताद
11. अल्लज़ीना तगौ फ़िल बिलाद
12. फ़अक्सरू फ़ीहल फ़साद
13. फ़ सब्बा अलैहिम रब्बुका सौत अज़ाब
14. इन्ना रब्बका लबिल मिरसाद
15. फ़ अम्मल इंसानु इज़ा मब तलाहु रब्बुहू फ़अक र-महु वनअ अमह, फ़ यक़ूलु रब्बी अकरमन
16. वअम्मा इज़ा मब तलाहु फ़ क़दरा अलैहि रिज्हक़, फ़ यक़ूलु रब्बी अहानन17.
17. कल्ला बल ला तुक रिमूनल यतीम
18. वला तहाददूना अला तआमिल मिस्कीन
19. वतअ’कुलूनत तुरास अक लल लममा
20. वतुहिब बूनल मा-ल हुब्बन जममा
21. कल्ला इज़ा दुक्कतिल अरदु दक्कन दक्का
22. व जाअ रब्बुका वल म-लकु सफ्फन सफ्फा
23. वजीअ यौमइज़िम बि जहन्नम, यौ मइजिय यता ज़क्करुल इंसानु व अन्ना लहुज़ ज़िकरा
24. यक़ूलु या लैतनी क़द दम्तु लि हयाती
25. फ़यौ मइज़िल ला युअज्ज़िबू अज़ाबहू अहद
26. वला यूसिकु वसा क़हू अहद
27. या अय्यतुहन नफ्सुल मुत मइन्नह
28. इरजिई इला रब्बिकि रादियतम मर दिय्यह
29. फ़दखुली फ़ी इबादी
30. वद खुली जन्नती
Surah Fajr in English
aujubillahiminshshaitanirrjim
bismillahhirrahmanirrahim
1. Val Fajri
2. And Lyalyn Asher
3. Vash Shaf Ival Vatra
4. Val Laili Iza Yasr
5. Hal fi zalika q-samul liji hijr
6. Alam tara kaifa f-ala rabbuka biad
7. Ir Mazatil Imad
8. Allati lam yukhlaq misluha fil bilad
9. Va samudal lazina jabus sakh rabil wad
10. Wafir auna zil autad
11. Allzina Tagou Fil Bilad
12. Faqsru Fehel Fasad
13. Fa sabba alaihim rabbuka saut azaab
14. Inna Rabka Labil Mirsad
15. Fa ammal insanu iza mab talahu rabbuhu faak ra-mahu waana amah, fa yakulu rabbi akarman
16. Va’amma iza mab talahu f qadara alaihi rizhaq, f yaqulu rabbi ahanan17.
17. Kalla Bal La Tuk Rimunal Yatim
18. Wala Tahadduna Ala Taamil Miskeen
19. Vat’aquloonat Turas Ak Lal Lamma
20. Vatuhib Bunal Ma-l Hubban Jamma
21. Kalla Iza Dukkatil Ardu Deccan Dacca
22. Va jaa rabbuka val ma-laku saffan saffa
23. Wajiya yaumizim bi jahannam, yayu maiziya yata zakkrul insanu wa anna lahuz zikra
24. Yakulu Ya Latini Kad Damtu Li Hayati
25. Fayou Mayzil La Yuajzibu Azabahu Ahad
26. Wala Usiku Vasa Kahu Ahad
27. Ya Ayyatuhan Nafsul Mut Meinnah
28. Erjii ila rabbiqi radiyattam mar diyyah
29. Fadkhuli Fi Ibadi
30. Vad Khuli Jannati
Surah Al-Fajr in Arabic
بسم الله الرّحمنِ الرَّحِيمِ وَالْفَجْرِه وَلَيَالٍ عَشرة والسفح وَالْوَتْرِه وَالَّيْلِ إِذَايَسْرِة
هَل فِي ذلِكَ قَسَم لدى حجرة المْ تَرَ كَيْفَ فَعَلَ رَبُّكَ بِعَادة
إرَمَذَاتِ الْعِمَادِةُ الَّتِي لَمْ يُخْلَقُ مِثْلُهَا فِي البلادةٌ وَثَمُودَ الَّذِينَ جَابُوا الصَّخْرَ بِالْوادِ وَيرْ عَوْنَ ذِي الأَوْتَادِ
الَّذِينَ طَغَوْا فِي البلادة فاكثرُوا فِيهَا الْفَسَادَةِ نَصَبَ عَلَيهِمْ
رَبُّكَ سَوطَ عَذَاب : إِنَّ رَبَّكَ لَبِالْمَرْصَادِهُ فَأَنَا الْإِنسانُ إذَا مَا ابْتَلمَهُ رَبُّهُ فَاكْرَمَهُ وَنَعَمَةَ فَيَقُولُ رَبّى أَكْرَمَن
وَأَمَّا إِذَا مَا ابْتَلَمُهُ فَقَد رَعَلَيْهِ رِزْقَهُ فَيَقُولُ رَبِّ أَهَا دَن لا بَلْ لَا تُكَرِمُونَ الْيَتِيمَ وَلَا تَحْضُونَ عَلَى طَعَامِ
الْمِسْكِينِ لا وَتَأْكُلُونَ التَّراث اكلا لناه وَتُحِبُّونَ الْمَالَ
حُبَّاجَبَّاهُ كَلَا إِذَا دُكَتِ الْأَرْضُ دُعا دعاه وَجَاءَ رَبُّكَ
وَالمَلكُ صَفًّا صَفًّاةٌ وَجَاىَ يَوْمَيةٍ بـ
يَتَنَ كَرَ الإِنْسَانُ وَانّى لَهُ الذكرى يَقُولُ لَيْتَنِي قَدَّمْتُ
الحَيَاتِي فَيَوْمَينِ لا يُعَذِّبُ عَذَابَةَ أَحَدٌ وَلَا يُؤْثِقُ وَثَاقَهُ احد يا يتهَا النَّفْسُ الْمُطْمَينَةُ ارْجِعِي إِلَى رَبِّكِ رَاضِيَة المرضية فَادْخُلِي فِي عِبَادِي وَادْخُلِى جَني
सूरह फज्र तर्जुमा हिंदी में – surah Fajr Tarjuma in Hindi
बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान निहायत रहम वाला है।
वल फज्रि
क़सम है फ़ज्र के वक़्त की,
व लयालिन अशर
और दस रातों की
वश शफ़ इ वल वत्र
और जुफ्त औत ताक़ की
वल लैलि इज़ा यस्र
और रात की जब वो जाने लगे
हल फ़ी ज़ालिका क़–समुल लिजी हिज्र
एक अक्ल वाले को ( यक़ीन दिलाने ) के लिए ये क़स्में काफ़ी नहीं है ( कि वो यक़ीन कर लें कि क़यामत ज़रूर आएगी )
अलम तरा कैफ़ा फ़–अला रब्बुका बिआद
क्या तुम ने देखा नहीं कि तुम्हारे परवरदिगार ने कौमे आद के साथ क्या सुलूक किया
इर मज़ातिल इमाद
( यानि ) इरम के रहने वाले जो बड़े बड़े सुतूनों ( की इमारतों ) के मालिक थे
अल्लती लम युख्लक़ मिस्लुहा फ़िल बिलाद
उन जैसे लोग मुल्कों में पैदा नहीं हुए थे
व समूदल लज़ीना जाबुस सख़ रबिल वाद
और समूद (के साथ क्या किया) जो वादी में बड़ी बड़ी चट्टानों को तराशा करते थे (ताकि उस से बड़ी बड़ी बिल्डिंगे बनाये )
वफ़िर औना ज़िल औताद
और मेखों वाले फ़िरऔन के साथ क्या किया
अल्लज़ीना तगौ फ़िल बिलाद
ये वो लोग थे जो शहरों में बड़ी सरकशी कर रहे थे
फ़अक्सरू फ़ीहल फ़साद
और बड़ा फ़साद मचा रखा था
फ़ सब्बा अलैहिम रब्बुका सौत अज़ाब
तो तुम्हारे परवरदिगार ने उन के ऊपर अज़ाब का कोड़ा बरसाया
इन्ना रब्बका लबिल मिरसाद
यक़ीन रखो तुम्हारा परवरदिगार सब को अपनी नज़र में रखे हुए है
फ़ अम्मल इंसानु इज़ा मब तलाहु रब्बुहू फ़अक र–महु वनअ अमह, फ़ यक़ूलु रब्बी अकरमन
लेकिन इंसान का हाल ये है कि जब उसका परवरदिगार उसको आजमाता है यानि उसको इज्ज़त और नेअमत से नवाजता है तो वो कहता है कि मेरे परवरदिगार ने मेरी इज्ज़त की है
वअम्मा इज़ा मब तलाहु फ़ क़दरा अलैहि रिज्हक़, फ़ यक़ूलु रब्बी अहानन
और जब ( दुसरे तरीक़े पर ) जब उसे आजमाता है और उसकी रोज़ी में तंगी कर देता है तो कहता है कि : मेरे परवादिगार ने मुझे ज़लील कर दिया
कल्ला बल ला तुक रिमूनल यतीम
हरगिज़ ये बात नहीं है, बल्कि (अस्ल ये है) कि तुम लोग यतीम की इज्ज़त नहीं करते
वला तहाददूना अला तआमिल मिस्कीन
और मिस्कीन को खाना खिलाने पर एक दुसरे को आमादा नहीं करते
वतअ’ कुलूनत तुरास अक लल लममा
और मीरास का सारा माल समेट कर खा जाते हो
वतुहिब बूनल मा–ल हुब्बन जममा
और माल से बेहद मुहब्बत रखते हो
कल्ला इज़ा दुक्कतिल अरदु दक्कन दक्का
हरगिज़ ऐसा नहीं होना चाहिए, जब ज़मीन कूट कूट कर रेज़ा रेज़ा कर दी जाएगी
व जाअ रब्बुका वल म–लकु सफ्फन सफ्फा
और तुम्हारा परवरदिगार और क़तार बांधे हुए फ़रिश्ते (मैदाने हश्र में) आयेंगे
वजीअ यौमइज़िम बि जहन्नम, यौ मइजिय यता ज़क्करुल इंसानु व अन्ना लहुज़ ज़िकरा
उस दिन जहन्नम को सामने लाया जायेगा, उस दिन इंसान समझ जायेगा, (लेकिन) अब समझने का क्या फ़ायदा
यक़ूलु या लैतनी क़द दम्तु लि हयाती
वो कहेगा कि : काश ! मैंने अपनी इस ज़िन्दगी के लिए कुछ आगे भेज दिया होता
फ़यौ मइज़िल ला युअज्ज़िबू अज़ाबहू अहद
उस दिन अल्लाह जो अज़ाब देगा, उस जैसा अज़ाब देने वाला कोई नहीं
वला यूसिकु वसा क़हू अहद
और जैसे अल्लाह जकड़ेगा उस जैसा जकड़ने वाला कोई नहीं
या अय्यतुहन नफ्सुल मुत मइन्नह
(नेक लोगों से कहा जायेगा) ए वो जान जो (अल्लाह की इताअत में) चैन पा चुकी है
इरजिई इला रब्बिकि रादियतम मर दिय्यह
अपने परवरदिगार की तरफ़ इस तरह लौट जा कि तू उस से ख़ुश हो और वो तुझ से
फ़दखुली फ़ी इबादी
और शामिल हो जा मेरे (कामयाब) बन्दों में
वद खुली जन्नती
और दाख़िल हो जा मेरी जन्नत में
निष्कर्ष – conclusion
तो दोस्तों आज आप ने सूरह फज्र ( Surah Al Fajr In Hindi English And Arabic ) के बारे में जाना औऱ साथ मे इसका तर्जुमा भी जाना तो आप को हमारा ये आर्टिकल Surah Fajr In Hindi कैसी लगी अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें ।
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