दरूद ऐ तुनज्जिना वजीफा अमल darood e tanjeena wazifa Benefits Dua Sakoonedil

दरूद ऐ तुनज्जिना वजीफा अमल darood e tanjeena wazifa Benefits Dua

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इस दरूद शरीफ Darood Sharif का आमिल दर्जा कमाल को पहुंचा हुआ होता है जियारते रसूल से शरफ याब होता है तसखीर मे अकमल दस्तर्स हासिल होता है हुक्काम वा सलातीन इसके आमिल के मूतब्बे वा ताबेदार होते हैँ अवामन्नास वा मखलूके जहाँ बेहद रुजु होती है जुबान पुरताषीर होती है दुश्मन जेर होते हैँ और दुश्मनी को तर्क करके दोस्ती इख़्तियार करते हैँ जिन वा बशर वा होश वा त्यूर मुफलिस वा तवांगीर अपने पराये सभी मुसख्खर होते हैँ ताबेदारी करते हैँ शिफाये अमराज के लिये शिफाये कामिल वा सेहत आजिल है बे कसों वा नादारों के लिये मददगार वा बे बसों के लिये मावून है ना मुरादों की मुराद है जोदे असर वा पुरताशीर है मुजर्रब है,

तरीका जकात इस दरूद शरीफ Darood Sharif का ये है कि अरबी की 3, से 9 तारीख के बीच जो जुमेरात आएगी यानि नौ चंदी जुमेरात से शुरू करें और बादे नमाज इशा रोज 360 मर्तबा इकतालिस 41 रोज तक पढ़ें अलग जघा पर अमल करें और ऐतिकाफ की हालत मे रहें इकतालीसवें रोज ऐसाले सवाब करें और शेरिनी तक्सीम करें यानि फातेहा करके उसका सवाब रसूले अकरम से लेकर तमाम सहाबा कराम तमाम औलिया तमाम अम्बिया और तमाम अरवाह को बख्स दें और मिठाई बच्चों मे तक्सीम करदे और खुद भी खाये फातिहा करना ना मालूम होतो किसी आलिम से पूछले, इंशाअल्लाह जकात अदा होगी और आप इस दुरूद शरीफ Durood Sharif के आमिल होंगे उसके बाद 11 मर्तबा रोज विर्द मे रखें,

दरुदे तुनज्जिना हजारों हिसारों से अफजल वा बेहतर है आमलीन को चाहिये कि जब कोई अमल Amal वजीफा wazifa दावत जकात शुरू करें तो पहले और आखिर मे 21, 21 मर्तबा या 11, 11 मर्तबा इस दुरूद शरीफ Durood Sharif को पढ़े ये दरूद भी है और दुआ Dua भी और हिसार भी है अव्वल इसकी जकात इस तरह अदा करें कि इकतालिस रोज तक बादे नमाज इशा 41 मर्तबा रोज पढ़े इंशाअल्लाह 41 रोज मे जकात अदा होगी इसके आमिल की अल्लाह ताला हर हाजत पूरी फरमायेगा और कोई बला आमिल के पास ना आयेगी इस दरूद शरीफ Darood Sharif के मुआक्किल बा हुक्मे खुदा मुकम्मल हिफाजत करेंगे,

शैख मज्दुद्दीन फीरोआबादी साहिबे कामूस ने शैख हसन बिन अली अस्वानी के हवाले से बयान किया है कि जो शख्स येह दुरूदे पाक Durood e Pak (दूरूदे तुनज्जीना) किसी भी मुश्किल, आफत या मुसीबत में एक हजार 1000 मर्तबा पढ़े अल्लाह तआला उस मुश्किल को आसान फरमा देगा

और उस का मक्सद पूरा फरमा देगा।

👉 एक खास बात ये है कि आप जहाँ अमल करें पढ़ाई करें वोह जघा पूरी तरह पाक साफ हो आपका बिस्तर पाक साफ हो और पढ़ाई करने के बाद वहाँ से ना उठे तो बेहतर है पढ़ाई करने के बाद वहीं सो जाये इससे अमल की तासीर बढ़ती है और पढ़ाई करने के बाद वहाँ से हट जाने से तासीर कम हो जाती है ये एक बहुत समझने की बात है समझदार के लिये इशारा ही काफी है इसके तीन चिल्ले होते हैँ तीनों चिल्ले करने के बाद आप वोह मुकाम हासिल कर लेंगे जो आप सोच भी नहीं सकते,

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