जब किसी के यहां दावत खाये तो यह पढ़े
اَللّٰهُمَّ اَطْعِمْ مَّنْ أَطْعَمَنِیْ وَاسْقِ مَنْ سَقَانِی
अल्लाहुम्मा अतइम्मन अत-अ-मनी वस्कि मन सकानी०
– मुस्लिम
तर्जुमा-
ऐ अल्लाह ! जिस ने मुझे खिलाया तू उसे खिला और जिसने मुझे पिलाया, तू उसे पिला।
या यह पढ़े
मुस्लिम
اَفْطَرَ عِندَكُمُ الصَّآئِمُونَ وَاَكَلَ طَعَامَكُمُ الْاَبْرَارُ وَصَلَتْ عَلَيْكُمُ الْمَلٰٓئِكَةُ
अफ-तरा इन दकुमुस्साइमूना व-अकालात आ-मकुमुल अब्रारू व सलत अलैकुमुल मलाइ कतु०
तर्जुमा-
रोज़ेदार तुम्हारे पास इफ़्तार करें और नेक बंदे तुम्हारा खाना खाएं और फरिश्ते तुम पर रहमत भेजें।
और इसके साथ वे दुआएं भी पढ़े जो पहले गुज़र चुकी हैं, जिनमें अल्लाह का शुक्र और हम्द है।