मस्जिद में दाखिल होने की दुआ

 मस्जिद में दाखिल होने की दुआ

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जब मस्जिद में दाखिल हो तो पहले हुजूर अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर दरूद शरीफ और सलाम भेजकर यह पढ़े।

رَبِّ اغْفِرْ لِي ذُنُوبِی وَافْتَح لِی اَبْوَابَ رَحْمَتِكَ (مشكوة

रब्बिग्फिरली जुनूबी वफ़्तहली अबवाबा रहमतिका

मिश्कात

तर्जुमा-

ऐ रब ! मेरे गुनाहों को बख़्श दे और मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाजे खोल दे।’

या यह दुआ पढ़े

اَللَّهُمَّ اَفْتَحْ لِی اَبْوَابَ رَحْمَتِكَا

(

سلم)

अल्लाहुम्मा अफ्तहली अब्वाबा रहमतिका

तर्जुमा-

ऐ अल्लाह ! मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दे।

नमाज के अलावा मस्जिद में यह पढ़ते रहे।

سُبْحَانَ اللَّهِ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ وَلَا اِلَهَ اِلَّا اللَّهُ وَاللَّهُ اَكْبَرُ (مشكوة باب المساجد )

सुब्हानल्लाहि वलहम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अक्बर०

– मिश्कात

तर्जुमा अल्लाह पाक है और सब तारीफें अल्लाह के लिए हैं और अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और अल्लाह सबसे बड़ा है।

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