जब तहज्जुद के लिए उठे तो यह दुआ पढ़े

जब तहज्जुद के लिए उठे तो यह दुआ पढ़े

Tahajjud ki dua

اَللَّهُمَّ لَكَ الْحَمْدُ أَنْتَ قَيِمُ السَّمَوٰتِ وَالْأَرْضِ وَ مَنْ فِيْهِنَّ وَلَكَ الْحَمْدُ أَنْتَ نُورُ السَّمٰوٰتِ وَالْأَرْضِ وَمَنْ فِيْهِنَّ وَ لَكَ الْحَمْدُ أَنْتَ مَلِكُ السَّمَوٰتِ وَ الْأرْضِ وَمَنْ فِيهِنَّ وَلَكَ الْحَمْدُ أَنْتَ الْحَقُّ وَوَعْدُ كَ الْحَقُّ وَلِقَاعُكَ حَقُّ وَّقَوْلُكَ حَقٌّ وَالْجَنَّةُ حَقُّ وَالنَّارُ حَقَُ وَّالنَّبِيُّوْنَ حَقٌّ وَمُحَمَّدٌ حَقُّ وَّالسَّاعَةُ حَقُّ اللَّھُمَّ لَكَ أَسْلَمْتُ وَبِكَ آمَنْتُ وَعَلَيْكَ تَوَكَّلْتُ وَإِلَيْكَ اَنَبْتُ وَبِكَ خَاصَمْتُ وَإِلَيْكَ حَكَمْتُ فَاغْفِرْ لِي مَا قَدَّمْتُ وَمَا آخَرْتُ وَمَا أَسْرَرْتُ وَمَا أَعْلَمْتُ وَمَا أَنْتَ اَعْلَمْ بِهِ مِنِّي اَنْتَ الْمُقَدِّمُ وَأَنْتَ الْمُؤَخِّرُ لَٓا إلٰهَ إلَّا أَنْتَ وَلَٓا إِلٰهَ غَيْرُكَ ○ بخاری و مسلم

Tahajjud ki dua hindi

अल्लाहुम्मा लकल हम्दु अनता कय्यिमुस्समावाति वल अर्जि व मन फीहिन्ना व लकल हम्दु अन्ता नूरुस्समावाति वल अर्जि व मन फीहिन्ना व लकल हम्दु अन्ता मलिकुस्समावाती वल अर्जि व मन फीहिन्ना व लकल हम्दु अन्तल हक्कु व वादुका हक़्कुन व लिकाउका हक्कुव्वाकौलुका हक्कून वल जन्नातू हक्कुन वन्नारू हक्कून व नन्बिय्यूना हक्कुन व मुहम्मदुन हक्कुन वस्सााअतु हक्कुन अल्ला-हुम्मा लका अस्लम्तु व बिका आमन्तु व अलैका तवक्कलतू व इलैका अनब्तू व बिका खासम्तु व इलैका हाकम्तू फगफिरली मा कद्दम्तु वमा आखरतु वमा असरर्तु वमा आलमतु वमा अनता अलम बिही मिन्नी अन्तल मुकद्दिमु व अन्तल मुवख्खिरू ला इलाहा इल्ला अन्ता वला इलाहा गैरुका 

– बुखारी व मुस्लिम

तर्जुमा-ऐ अल्लाह ! तेरे ही लिए हम्द है, तू आसमानों का और ज़मीन का और जो कुछ उनमें है, उस सब का कायम रखने वाला है और तेरे ही लिए हम्द है। तू आसमानों का और ज़मीन का और जो कुछ उनमें है, उस सब का रोशन रखने वाला है और तेरे ही लिए हम्द है, तू आसमानों का और ज़मीन का और जो कुछ उनमें है उनका बादशाह है और तेरे ही लिए हम्द है, तू हक है, तेरा वायदा हक है और तेरी मुलाकात हक है और तेरी बात हक है और जन्नत हक है और दोजख हक है और सब नबी हक हैं और मुहम्मद सल्ल० हक हैं और कियामत हक है।

ऐ अल्लाह ! मैंने तेरी इताअत के लिए सर झुकाया और मैं तुझ पर ईमान लाया और मैंने तुझ पर भरोसा किया और मैं तेरी तरफ रुजू हुआ और तेरी कुवत से मैंने (दुश्मनों से) झगड़ा किया और तुझी को मैंने हाकिम बनाया, सो तू बख़्श दे मेरे अगले पिछले गुनाह और जो गुनाह मैंने छुपा कर या ज़ाहिरी तौर पर किये हैं और जिन गुनाहों को तू मुझसे ज़्यादा जानता है, तू ही आगे बढ़ाने वाला है। और तू ही पीछे हटाने वाला है, माबूद सिर्फ तू ही है और तेरे सिवा कोई माबूद नहीं।

और आसमान की तरफ मुंह उठाकर सूरः आले इम्रान का पूरा आखिरी रुकूम भी ‘इन्ना फी खल्किस्समावाति से खत्म सूरः तक पढ़े- और दस बार अल्लाहु अक्बर और दस बार अल हम्दु लिल्लाह और दस बार ‘सुब्हानल्लाहि व बिहम्दीही और दस बार ‘सुब्हानल मलिकिल कुददूस’ और दस बार ‘अस्तग फिरुल्लाह’ और दस बार कलिमा तय्यिबा ‘ला इलाहा इल्लल्लाह और दस बार यह दुआ पढ़े।

Tahajjud me padhne ki dua

 اللَّهُمَّ إِلَى أَعُوذُ بِكَ مِنْ ضِيقِ الدُّنْيَا

وَضِيقٍ يَوْمِ القِيمة (مشكوة ، ابوداود)

अल्लाहुम्मा इन्नी अयुजुबिका मिन ज़ीकिद दुन्या व ज़ीकि यौ मिल कियामति० –

मिश्कात (अबूदाऊद)

तर्जुमा-

ऐ अल्लाह ! मैं तेरी पनाह चाहता हूं दुनिया की तंगी से और कियामत के दिन की तंगी से। फिर नमाज शुरू करे।

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